नाग पंचमी

पूजा विधि - नाग पंचमी

नाग पंचमी पूजा विधि हिंदी में इस प्रकार है:
सामग्री:
1. नागपुष्प (नागकेशर)
2. बेल पत्र
3. कुछ दूध
4. देवी माता की मूर्ति
5. शुद्ध जल
6. रोली
7. चावल
8. धूप
9. दीपक
10. पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी, गुड़)

पूजा विधि:
1. पूजा के लिए सबसे पहले स्थान की सफाई करें और उसे सुंदरता से सजाएं।
2. अपने अभिभावकों की वर्तमानता में, देवी माता की मूर्ति को स्थापित करें।
3. पूजा के लिए नागपुष्प, बेल पत्र और दूध को लेकर अपने सामने बैठें।
4. अब रोली को गूंथें और देवी माता की मूर्ति को तिलक लगाएं।
5. देवी माता को पंचामृत से स्नान कराएं। इसके लिए पहले दूध, फिर दही, शहद, घी और गुड़ को मिलाकर पंचामृत तैयार करें।
6. अब देवी माता को नागपुष्प और बेल पत्र से चढ़ाएं।
7. नाग पंचमी के दिन नागदेवता की पूजा का भी करें। इसके लिए शुद्ध जल, चावल और नागपुष्प को लेकर नाग मूर्ति के सामने बैठें।
8.

नाग मूर्ति को शुद्ध जल से स्नान कराएं और चावल और नागपुष्प से चढ़ाएं।
9. अब धूप और दीपक के आराधना करें। दीपक को जलाएं और धूप को चढ़ाएं।
10. अपनी इच्छा बोलें और अपने जीवन में खुशहाली की कामना करें।
11. अंत में, प्रसाद के रूप में मिठाई या फल चढ़ाएं और उसे बांटें।

यह है नाग पंचमी पूजा विधि हिंदी में। आप इसे अपने अनुयायों के साथ साझा करके और नागपुष्प के साथ अपनी पूजा करके इस शुभ दिन को मना सकते हैं। शुभकामनाएं!


पूजा सामग्री - नाग पंचमी

नाग पंचमी पूजा के लिए आवश्यक सामग्री इस प्रकार होती है:

1. नागपुष्प (नागकेशर)
2. बेल पत्र
3. कुछ दूध
4. देवी माता की मूर्ति
5. शुद्ध जल
6. रोली
7. चावल
8. धूप
9. दीपक
10. पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी, गुड़)
11. मिठाई (प्रसाद के रूप में)
12. फल (प्रसाद के रूप में)

इस सामग्री की मदद से आप नाग पंचमी की पूजा कर सकते हैं और नाग देवता को समर्पित रूप से पूजा कर सकते हैं। यह सामग्री आमतौर पर घर में उपलब्ध होती है और पूजा के लिए उपयुक्त होती है। शुभकामनाएं!


पूजा कथा - नाग पंचमी

एक समय की बात है, एक गांव में एक नगर में एक व्यापारी रहता था। उसके पास एक विशेष नाग शिवलिंग था जिसकी पूजा वह नियमित रूप से करता था। वह नाग शिवलिंग पर प्रतिदिन सर्पबद्ध पूजा करता था और उसे दूध, मिठाई और फल चढ़ाता था।

एक दिन व्यापारी ने देखा कि उसका बेटा बहुत गंभीर रूप से बीमार हो गया है। उसने बहुत सारे डॉक्टरों की सलाह ली, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। उसे आकस्मिक रूप से एक सपना आया, जिसमें एक साधु ने उसे बताया कि उसके बेटे की बीमारी नाग पुष्टि का कारण है। साधु ने कहा कि व्यापारी को नाग पंचमी के दिन नागदेवता की पूजा करनी चाहिए और मन्नत मांगनी चाहिए।

व्यापारी ने उस सपने का महत्व समझा और वहीं रात नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने के लिए तैयार हुआ। उसने अपने पूजा स्थल पर नागपुष्प, बेल पत्र और दूध ले जाकर देवी माता

की मूर्ति के सामने रख दिया। उसने देवी माता को पंचामृत से स्नान कराया और नागपुष्प और बेल पत्र से चढ़ावा किया।

उसने नागपुष्प के साथ दूध का आह्वान किया और अपनी मनोकामना मांगी कि नाग देवता उसके बेटे की बीमारी दूर करें और उसे स्वस्थ करें।

व्यापारी ने पूजा के बाद अपने बेटे को देखा और उसे बिल्कुल स्वस्थ पाया। वह बहुत खुश था और नाग देवता का आभार व्यक्त करता है।

इस तरह, नाग पंचमी की पूजा के माध्यम से व्यापारी ने अपने बेटे की बीमारी से छुटकारा पाया और उसने नाग देवता की कृपा को प्राप्त किया।

यह है नाग पंचमी की पूजा कथा हिंदी में। इस कथा को सुनकर आप नाग पंचमी के दिन अपनी पूजा करते समय नाग देवता की कृपा और आशीर्वाद की कामना कर सकते हैं। शुभकामनाएं!


पूजा आरती - नाग पंचमी

आरती कीजै नागराजा की,
पूजा करते सब भजन गाते।
मन वांछित फल सब पाते,
दृष्टि दोष सब नष्ट हो जाते॥

जय जय शिव शंकर,
कांचन वामन विराजता।
शेषनाग के विषधारी,
कंसरिपु को मारता॥

श्री वैष्णवी माता जी की आरती,
जो कोई नर गाता।
उर अनंत सदा विष्णु ध्याता,
ध्याता विष्णु विश्राम ना पाता॥

ब्रह्मा रुद्र सनातन धामा,
जिन्हें ध्याता नाम जापता।
प्राण प्राण प्राण संजाता,
नाग पंचमी व्रत जापता॥

सुंदर महादेव महेश्वरी,
कृपा करो नागराजी।
भक्ति बिना जग विचारी,
कृपा करो दीनदयाली॥

जो कोई नागराज व्रत करे,
उसकी मनोकामना पूरी होते।
दुःख दरिद्रता सब दूर होते,
नागराज आशीर्वाद से सुर होते॥

इस तरह से नाग पंचमी की पूजा आरती को गाएं और नाग देवता की कृपा और आशीर्वाद की कामना करें। इस आरती के माध्यम से हम नागराज का आभार व्यक्त करते हैं और उनकी पूजा में भक्ति प्रगट करते हैं। शुभकामनाएं!